Punjab: मां! बेटी होना कोई अपराध नहीं, फतेहगढ़ साहिब में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना, 7 दिन की नवजात पार्क में मिली
Punjab: मां, मैंने नौ महीनों तक तुम्हारे गर्भ में हर पल तुम्हें महसूस किया। जब तुमने अपने पेट को सहलाया, तो उसका स्पर्श मेरे शरीर तक पहुंचा। जब तुमने खाना खाया, तो मेरी भूख मिट गई। मेरी सांसें तुम्हारी सांसों से बंधी थीं। मेरे जरा से दर्द से तुम्हारी नींद उड़ जाती थी। तुम्हारी शांति मेरी शांति में थी। जन्म के बाद, मैंने तुम्हारे आंचल की छांव में दुनिया की खुशियों को महसूस किया। तुम्हारे प्यार से मेरी हंसी की गूंज बढ़ गई। तुम्हारी लोरियों को सुनकर मेरा दर्द चला जाता था। आखिर ऐसा क्या हुआ इन सात दिनों में कि तुमने मुझे खुले आसमान के नीचे फेंक दिया। क्या बेटी होना मेरा अपराध है… अगर ऐसा है तो तुमने मुझे जीने का मौका क्यों नहीं दिया। मैं तुम्हारी खुशी का ख्याल बेटे से भी ज्यादा रखती।
सिरहिंद के पार्क में मिली 7 दिन की नवजात
ऐसा ही दर्द उस सात दिन की नवजात बच्ची ने महसूस किया होगा, जिसे उसकी मां ने कपड़े में लपेटकर सिरहिंद के पास एक पार्क में खुले आसमान के नीचे फेंक दिया। भूख और प्यास के कारण उसकी रोने की आवाज भी सुनाई नहीं दे रही थी। रात को जब लोग टहल रहे थे, तो अजय कुमार नाम के एक व्यक्ति ने उसकी रोने की आवाज सुनी। जब वह करीब जाकर देखे, तो कपड़ों में कुछ पड़ा हुआ दिखा। जब उसने कपड़ा खोला, तो अंदर एक लड़की थी। तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया गया।
पुलिस कर रही है जांच
पुलिस मौके पर पहुंची और वहां मौजूद महिलाओं की मदद से लड़की को सिविल अस्पताल ले गई। जब डॉक्टरों ने जांच की, तो लड़की बिल्कुल स्वस्थ थी। एएसआई पृथ्वी राज सिंह ने कहा कि पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कर रही है, ताकि पता चल सके कि इस लड़की को पार्क में किसने फेंका।